उपलब्धियां
भाप्रसंबें के एफपीएम छात्रों के लेख अकैडमी ऑफ मैनेजमेंट जर्नल, स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट जर्नल, हारवर्ड बिजनेस रिव्यू, जर्नल ऑफ अकाउंटिंग, जर्नल ऑफ ऑपरेशनल रिसर्च, जर्नल ऑफ सर्विसेज मार्केटिंग, जर्नल ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस स्टडीज और जर्नल ऑफ अकैडमी ऑफ मार्केटिंग साइंस आदि जैसी शीर्ष पत्रिकाओं में निरंतर छपे हैं । उनको विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है । भूतपूर्व छात्र भारत में भाप्रसं अहमदाबाद, भाप्रसं बेंगलूर, भाप्रसं उदयपुर, भाप्रसं तिरुचिरापल्ली भाप्रसं एम इंदौर जैसे कुछ शीर्ष व्यवसाय स्कूलों में नियोजित हैं । मौजूदा एवं पिछले छात्रों की उपलब्धियों, पत्रिकाओं में छपे लेखों तथा सम्मेलनों के लिए स्वीकृत लेखों का ब्यौरा नीचे दिया गया है ।
- ‘इंडिया रैंकिंग 2016’ जो सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों की पहली राष्ट्रीय रैंकिंग है, में प्रबंध संस्थानों में भाप्रसंबें ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है । राष्ट्रीय संस्थानिक रैंकिंग रूपरेखा (एनआईआरएफ) ने यह रैंकिंग तैयार की है ।
- Iभारतीय समाज विज्ञान अनुसंधान पर स्टैनफोर्ड अध्ययन, 2011 की 'व्यवसाय एवं प्रबंध' श्रेणी में भाप्रसंबें को पहला स्थान मिला है । स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, स्नातक व्यवसाय विद्यालय के प्रोफेसर शारिक हसन द्वारा संचालित इस अध्ययन ने समाज विज्ञान अनुसंधान में उनकी उत्पादकता के आधार पर भारतीय विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों की रैंकिंग तैयार की है । उत्पादकता का मापदंड 2000–2010 के दौरान प्रकाशित लेखों की संख्या दर्शाता है तथा प्रशंसा पत्र के लिए समायोजन किया गया है । http://web.stanford.edu/~sharique/india_ranking_social_science.html
- यूएस आधारित अकैडमी ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस, जो अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय संकाय के लिए विश्व में अग्रणी व्यावसायिक संघ है, ने पहली बार जून 2015 में भारत में अपनी वार्षिक बैठक आयोजित की । भाप्रसंबें इस प्रतिष्ठित सम्मेलन का संयुक्त मेजबान था ।
- चिन्मय तुम्बे (ईएसएस में एफपीएम के भूतपूर्व छात्र) ने सर्वश्रेष्ठ शोध प्रबंध के लिए एग्जिम बैंक का अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र अनुसंधान पुरस्कार (आईईआरए) 2015 प्राप्त किया ।
- अजीत फडनीस, (सार्वजनिक नीति में एफपीएम के छात्र) ने फुलब्राइट-नेहरु वाचस्पति अनुसंधान अध्येतावृत्ति 2014-2015 प्राप्त की ।
- विवेक (सार्वजनिक नीति में एफपीएम के छात्र) और अनिर्बन अधिकारी (पीओएम में एफपीएम के छात्र) ने विप्रो संपोषणीयता अध्येतावृत्ति एवं अनुदान प्राप्त किया ।
- तरुण जैन (पीओएम में एफपीएम के छात्र) ने अप्रैल 2015 से मार्च 2017 की अवधि के लिए एयरबस ग्रुप की पीएचडी अध्येतावृत्ति प्राप्त की ।
- क्षितिज अवस्थी (सीएसपी में एफपीएम के छात्र), प्रो. साई यायावरम , प्रो. त्रिलोचन शास्त्री, and प्रो. ने एनाहीम, कैलिफोर्निया में एओएम बैठक में अपने लेख ‘दि इफेक्ट ऑफ पोलिटिकल कनेक्शंस ऑन प्राफिट पर्सिस्टेंस : एविडेंस फ्राम इंडिया’ के लिए बीपीएस विशिष्ट लेख पुरस्कर जीता|.
- कार्तिक यादव, (ईएसएस में एफपीएम के छात्र) और रजनी सिंह (सीएसपी में एफपीएम के छात्र) ने क्रमश: लीडर ऑफ टुमारो, विंग्स ऑफ एक्सेलेंस अवार्ड, 44वीं सेंट गैलन गोष्ठी 2014 और 45वीं सेंट गैलन गोष्ठी 2015 प्राप्त किया ।
पत्रिकाओं में प्रकाशन
- ए एस अश्विन, आर टी कृष्णन, & (2016). ब्राड कैरेक्टरस्टिक्स, फाइनेंसियल स्लैक एंड आरएंडडी इनवेस्टमेंट्स: ऐन एम्पीरिकल एनालिसिस ऑफ इंडियन फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री. इंटरनेशनल स्टडीज ऑफ मैनेजमेंट एंड आर्गनाइजेशन, 46(1), 8-23.
- के अवस्थी, & के के भट. (2016). हाई रिटर्न फ्राम हायर एजुकेशन. इकोनॉमिक्स एंड पोलिटिकल वीकली, 51(7), 77.
- ए भाष्करभाटला, सी चटर्जी, पी अनुराग, & ई पेनिंगस (2016). मिटिगेटिंग रेग्युलेटरी इम्पैक्ट: दि केस ऑफ पार्शियल प्राइस कंट्रोल्स ऑन मेटफार्मिन इन इंडिया. हेल्थ पॉलिसी एंड प्लानिंग, सीजेडडब्ल्यू 109.
- सी रोड्रिगस., & ए कृष्णामूर्ति (2016). मिरर, मिरर ऑन दि वाल: आइडेंटिटी-इमेज इंटरैक्शंस फॉर दि सेल्स फोर्स इन हाई थ्रेट सिचुएशंस. यूरोपियन मैनेजमेंट रिव्यू.
- एस चंद्र, डी घोष, & एस के श्रीवास्तव (2016). आउटबाउंड लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट प्रैक्टिसेज इन दि आटोमोटिव इंडस्ट्री: ऐन एमर्जिंग इकोनॉमी पर्सपेक्टिव. डिसीजन, 43(2), 145-165.
- वी आर डाका., और एस बसु. (2016). इज कॉरपोरेट हेजिंग कॉन्सिस्टेंट विद वैल्यू-मैक्सिमाइजेशन इन एमर्जिंग मार्केट्स? ऐन एम्पीरिकल एनालिसिस ऑफ इंडियन फर्म्स, . जर्नल ऑफ अकाउंटिंग, 6(1), 30-48.
- गौडा, एसके , & एस जोन्नलगड्डा , सारंगा, एच। (2016)। पर्यावरण के लिए डिज़ाइन: उत्पाद विकास पर नियामक नीतियों का प्रभाव । यूरोपीय ऑपरेशनल रिसर्च जर्नल, 248 (2), 558-570।
- मखेचा, यूपी , श्रीनिवासन, वी। , प्रभु, जीएन , मुखर्जी, एस (2016)। मल्टी-स्तरीय अंतराल: उद्देश्य, वास्तविक और अनुभवी मानव संसाधन प्रथाओं का अध्ययन भारत में हाइपरमार्केट श्रृंखला। मानव संसाधन प्रबंधन के अंतर्राष्ट्रीय जर्नल , 1-39।
- वी माथुर , & सी सुब्रमणियन . (2016). फाइनेंसियल मार्केट सेगमेंटेशन एंड चॉइस ऑफ एक्सचेंज रेट रेजीम्स. इकोनॉमिक्स लेटर्स , 142, 78-82.
- के आर रंजन, & एस रीड (2016). वैल्यू को-क्रिएशन: कॉनसेप्ट एंड मेजरमेंट. जर्नल ऑफ दि अकैडमी ऑफ मार्केटिंग साइंस, 44(3), 290-315.
- ए रॉसमैन., के आर रंजन, and पी सुगतन (2016). ड्राइवर्स ऑफ यूजर एनगेजमेंट इन ई-डब्ल्यूओएम कम्युनिकेशन. जर्नल ऑफ सर्विसेज मार्केटिंग. 30 (5), 541-553.
- जे झू, एस ताताचारी., & पी चट्टोपाध्याय (2016). न्यूकमर आइडेंटिफिकेशन: ट्रेंड्स, एंटीसिडेंट्स, मॉडरेशंस एंड कॉन्सीक्वेंसेज. अकैडमी ऑफ मैनेजमेंट जर्नल, amj-2015.
- ए एस अश्विन, आर टी कृष्णन, & आर जॉर्ज. (2015). फेमिली फिल्म्स इन इंडिया : फेमिली इनवाल्वमेंट, इनोवेशन एंड एजेंसी एंड स्टीवार्डशिप विहैवियर्स. एशिया पैसिफिक जर्नल ऑफ मैनेजमेंट, 32(4), 869-900.
- पी चिंतापल्ली (2015). साइमलटेनियस प्राइसिंग एंड इनवेंटरी मैनेजमेंट ऑफ डेटिरियॉरेटिंग पेरिशेबल प्रॉडक्ट्स. एनल्स ऑफ ऑपरेशंस रिसर्च, 229(1), 287-301.
- पी चिंतापल्ली, & जे हाजरा (2015). प्राइसिंग एंड इनवेंटरी मैनेजमेंट ड्यूरिंग न्यू प्रॉडक्ट इट्रोडक्शन ह्वेन शॉर्टेज क्रीएट्स हाइप. नेवल रिसर्च लॉजिस्टिक्स (एनआरएल), 62(4), 304-320.
- पी चिंतापल्ली, & जे हाजरा (2015). स्टॉकिंग एंड क्वालिटी डिसीजंस फॉर डेटिरियॉरेटिंग पेरिशेबल प्रॉडक्ट्स अंडर कंपटीशन. जर्नल ऑफ दि ऑपरेशनल रिसर्च सोसायटी, 67(4), 593-603.
- ए फार्सोमणि, बी पारीक., & पी घोष (2015). Dडिस्कशन ऑन ‘ज्वाइंट मॉडलिंग ऑफ सर्वाइवल एंड लान्जिटूडनल नॉन-सर्वाइवल डाटा’ बाई गौल्ड एवं अन्य. स्टैटिस्टिक्स इन मेडिसीन, 34(14), 2198-2199.
- डी घोष, & जे शाह (2015). सप्लाई चेन एनालिसिस अंडर ग्रीन सेंसिटिव कंज्यूमर डिमांड एंड कॉस्ट शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ प्रोडक्शन इकोनॉमिक्स, 164, 319-329.
- ए कृष्णामूर्ति, & एस आर कुमार (2015). एक्सप्लोरिंग दि फार्मेशन ऑफ कंज्यूमर एक्सपेक्टेशंस. जर्नल ऑफ कंज्यूमर विहैवियर, 14(1), 7-31.
- के एस मणिकंदन., & जे रामचंद्रन (2015). बियांड इन्स्टिटूशनल वॉइड्स: बिजनेस ग्रुप्स, इनकम्पलीट मार्केट्स, एंड आर्गनाइजेशनल फॉर्म. स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट जर्नल, 36(4), 598-617.
- के आर रंजन., पी सुगतन., और ए रोसमन (2015). ए नैरेटिव रिव्यू एंड मेटा-एनालिसिस ऑफ सर्विस इंटरैक्शन क्वालिटी: न्यू रिसर्च डायरेक्शंस एंड इम्प्लीकेशंस. जर्नल ऑफ सर्विसेज मार्केटिंग. 29 (1), 3–14.
- सी तुम्बे (2015). टुवर्ड्स फाइनेंसियल इनक्लूशन : दि पोस्ट ऑफिस ऑफ इंडिया ऐज ए फाइनेंसियल इनक्लूशन, 1880–2010. इंडियन इकोनॉमिक एंड सोशल हिस्ट्री रिव्यू, 52(4), 409-437.
- ए सुगतन, & आर जॉर्ज. (2015). दि इनफ्लूएंस ऑफ गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कॉरपोरेट गवर्नेंस ऑन प्राफिट शिफ्टिंग. जर्नल ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस स्टडीज, 46(8), 886-916.
- एम कुलकर्णी, & सी रोड्रिग्स. (2014). एनगेजमेंट विद डिसेबिलिटी: एनालिसिस ऑफ इंडियन आर्गनाइजेशंस. दि इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, 25(11), 1547-1566.
- एम कुलकर्णी, & के वी गोपाकुमार. (2014). करियर मैनेजमेंट स्ट्रेटजीज ऑफ पीपुल विद डिसेबिलिटी. ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, 53(3): 445-466.
- सी सिंगला., आर वेलियात, & आर जॉर्ज (2014). फेमिली फिल्म्स एंड इंटरनेशनलाइजेशन-गवर्नेंस रिलेशनशिप्स : एवीडेंस ऑफ सेकेंडरी एजेंसी इश्यूज स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट जर्नल, 35(4), 606-616.
- जे रामचंद्रन, के एस मणिकंदन., & ए पंत (2013). ह्वाई कॉन्ग्लोमरेट्स थ्राइव (आउटसाइड दि यूएस). हारवर्ड बिजनेस रिव्यू.
- सी सिंगला, & आर जॉर्ज (2013). इंटरनेशनलाइजेशन एंड परफार्मेंस: ए कांटेक्चुअल एनालिसिस ऑफ इंडियन फिल्म्स, जर्नल ऑफ बिजनेस रिसर्च, 66(12), 2500-2506.