लोक नीति एवं प्रबंध में स्नातकोत्तर कार्यक्रम
आईआईएमबी द्वारा 2002 में शुरू किया गया, लोक पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन पब्लिक पॉलिसी एंड मैनेजमेंट (पीजीपीपीएम) एक 'अपने प्रकार का' प्रोग्राम है जिसका उद्देश्य नीति निर्माता और प्रशासकों के बीच कुशलता और नेतृत्व कौशल में सुधार करना है, जबकि उन्हें प्रबंधन में विषयसमृद्धि में परिचित कराया जाता है। पीजीपीपीएम 2023 में ऑनलाइन और कैम्पस घटकों के साथ हाइब्रिड हो रहा है, जहां छात्र IIMB शिक्षा पारिस्थितिकी के साथ कई तरीकों से जुड़ते हैं।
पुनः डिज़ाइन किया गया पीजीपीपीएम एक 40-सप्ताह मॉड्यूलर और हाइब्रिड PG डिप्लोमा प्रोग्राम है जो आईआईएमबी द्वारा प्रदान किया जाता है, जिसका उद्देश्य नीति निर्माताओं और प्रशासकों के बीच कुशलता, नेतृत्व और प्रबंधन कौशल को बढ़ाना है। प्रोग्राम यह भी आवश्यकता है कि प्रतिभागियों को एक व्यापक नीति पेपर प्रस्तुत करना, कार्यक्रम के दौरान सीख को महत्वपूर्ण बनाए रखने और किसी नीतिक संवेदनशील मुद्दे को लागू करने के दौरान बलात्कार करना। प्रतिभागी मॉड्यूल 2 (8 सप्ताह) और मॉड्यूल 4 (2 सप्ताह) में कैम्पस पर समय बिताते हैं, जबकि मॉड्यूल 1 और 3 में आईआईएमबी के मजबूत मूकस (मासिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेस) प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग किया जाता है। प्रोग्राम के विवरण का अधिकार भाग के तहत उपलब्ध हैं।
2023 की समूह ने पूरी तरह से "डीओपीटी स्पॉन्सर्ड" उम्मीदवारों पर केंद्रित किया है। अपने संशोधित प्रारूप में, पीजीपीपीएम सुनिश्चित करता है कि कार्यक्रम के स्नातक पेशेवर, सार्वजनिक नीति और सामान्य प्रबंधन के दृष्टिकोण से संपूर्ण होते हैं - एक अद्वितीय संयोजन।
पीजीपीपीएम के पूर्व छात्र सरकारी मंत्रालयों और संगठनों, निजी परामर्श और कॉर्पोरेट स्पेस, यूएन बॉडीज़, और बड़े सामाजिक क्षेत्र में सार्वजनिक नीति और प्रबंधन सिद्धांतों को लागू करने पर केंद्रित उच्च पदों पर कार्यरत हैं। इनमें से कुछ हैं: केंद्रीय जांच ब्यूरो, सिक्योरिटीज़ एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी), टेलीकॉम नियामक प्राधिकृति ऑफ इंडिया (ट्राई), नाम्मा मेट्रो, अंतरा फाउंडेशन, सेल्को फाउंडेशन, एक्सेस हेल्थ, इन्वेस्ट इंडिया, विश्व बैंक।
प्रवेश सूचना: pgppmadm@iimb.ac.in
“भाप्रसंबें में लोक नीति एवं प्रबंध कार्यक्रम, इसके द्वारा संचालित वैकल्पिक विषयों की श्रृंखला के मामले में अद्वितीय है । अंतर्राष्ट्रीय एवं ग्रामीण निमज्जन मॉड्यूल्स सहभागियों को अद्वितीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हैं ।”
- सारिका मोहन, भारतीय सिविल सेवा और पीजीपीपीएम 2019-20
“कार्यक्रम बड़े पैमाने पर विकास, उद्योग एवं समाज से संबद्ध है । यह सहभागियों को क्षेत्र-विशिष्ट नीतियों को तैयार करने में समग्र दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करता है ।”
- अमित वर्मा, आईएफएस अधिकारी एवं पीजीपीपीएम 2019-20
“हमारा भाप्रसंबें में पीजीपीपीएम का पहला बैच था । लाड़-प्यार प्राप्त/सिरचढ़े अधिकारियों से हम प्रतिबद्ध छात्र बन गए । हम कठोर शैक्षणिक गतिविधियों एवं प्रेरक बौद्धिक चर्चाओं का हिस्सा बने । हमने नए भारत के विकास एवं वृद्धि हेतु आवश्यक नए आर्थिक एवं प्रबंधकीय पारिस्थितिकी तंत्र, सामाजिक एवं प्रौद्योगिकी नवीकरण, संगठनात्मक व्यवहार, नियामक व्यवस्थाएँ एवं बाजार तंत्र के बारे में सीखा । वहाँ पर योगा, ध्यान एवं आत्मविश्लेषण के माध्यम से व्यक्तिगत विकास पर अधिक जोर दिया गया । अध्यापन के तरीके जैसे स्नैप परीक्षाएँ, प्रश्नोत्तरी, केस अध्ययन, समूह समनुदेशन एवं एक लघु शोध प्रबंध समृद्ध साबित हुए । हम जैसे लोक सेवकों के लिए मध्य कैरियर स्तर पर पीजीपीपीएम से अधिक संतोषजनक कुछ नहीं हो सकता है । विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में प्रबंध कार्यक्रम में भाग ले रहे मेरे सहयोगियों ने समान समसामयिक पाठ्यक्रमों से भाप्रसंबें में पीजीपीपीएम को अग्रणी पाया । पीजीपीपीएम ने मुझे बेहतर नीतियाँ बनाने और कार्यक्रमों को अधिक सक्षम तरीके से कार्यान्वित करने में मदद की है । इसने मुझमें तार्किकता एवं सामंजस्य अंतवर्धित किया है । इससे मुझे साक्ष्य आधारित निर्णय लेने में मदद की है ।”
- डॉ. ए.के. वर्मा, संयुक्त सचिव
विद्युत मंत्रालय,
भारत सरकार एवं पीजीपीपीएम 2004 की कक्षा
“भाप्रसंबें में पीजीपीपीएम के लिए नामांकन करना मेरे कैरियर के लिए अत्यंत उपयोगी निर्णय था । मैंने नीति निर्माण की रूपरेखा सीखी एवं कार्यक्रम के दौरान विकसित विश्लेषणात्मक कौशल का उपयोग करने में अपने निर्णयों को मान्य करने की क्षमता विकसित की । विविध एवं दिलचस्प समूह, उत्कृष्ट सहकर्मी, अधिगम का मंच साबित हुआ । मैंने भारत एवं विदेश में लोक नीति प्रबंध की समसामयिक अवधारणाओं एवं पद्धतियों को लागू करते हुए सार्वजनिक सेवा में अपनी भूमिका का विश्लेषण मूल्यांकन, भुला देना एवं पुनः ध्यान केंद्रित करना सीखा । मैं उन लोगों के लिए कार्यक्रम की दृढ़ता से सिफारिश करती हूँ, जो नीति निर्माण की कला एवं विज्ञान सीखना चाहते हैं ।”
- श्रीमती ज्योत्सना सितलिंग, संयुक्त सचिव,
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमओएसडीई),
भारत सरकार एवं पीजीपीपीएम 2011 की कक्षा
“भाप्रसंबें के संकाय एवं कार्यक्रम ने मुझे सीखने का एक नया प्रतिमान दिया । भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में 20 वर्षों के बाद, मैं भाप्रसंबें में लोक नीति एवं प्रबंध का अध्ययन करने के लिए आया था । अधिकांश आईएएस अधिकारियों की तरह, मैंने सोचा था कि सार्वजनिक नीति बनाने में केवल अनुभव ही मायने रखता है । किन्तु मैं पूरी तरह गलत था । भाप्रसंबें में कार्यक्रम से मेरी सबसे बड़ी सीख यह थी कि संबद्ध डेटा के उचित विश्लेषण के बिना किसी को, कोई नीति या कार्यक्रम नहीं बनाना चाहिए । जब मैंने भाप्रसंबें में आने का फैसला किया, तब मेरे सामने एक विदेशी विश्वविद्यालय में पढ़ने के विकल्प के साथ, कई विकल्प थे । किन्तु मेरा यह दृढ़ विश्वास था कि लोक नीति का अध्ययन तभी अधिक संबद्ध है, यदि इसे भारतीय केस अध्ययन की सहायता से भारतीय संदर्भ में किया जाए । इस कारण मैंने भाप्रसंबें को चुना । मेरा मानना है कि भारत में सभी प्रतिष्ठित प्रबंध संस्थानों को एक विशेष लोक नीति कार्यक्रम प्रस्तुत करना चाहिए और सरकार को नीति परिवेश सृजित करना चाहिए जो सिविल सेवकों को ऐसे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें ।”
- डॉ. हसमुख अधिया, भूतपूर्व राजस्व सचिव,
भारत सरकार,
वर्तमान में बैंक ऑफ बड़ौदा के गैर कार्यपालक अध्यक्ष एवं पीजीपीपीएम 2004 की कक्षा
“भाप्रसंबें में पीजीपीपीएम ने मेरे क्षितिज को विस्तृत किया और मेरे नायकत्व कौशल को प्रखर किया । इसने मुझे मेरे कैरियर रोडमैप के संदर्भ में सही दिशा प्रदान की । भली-भाँति अभिकल्पित पाठ्यक्रम, लीक से हटकर/अलग सोच को प्रोत्साहित करने वाले संकाय, विविध दलों एवं शानदार परिसर ने भाप्रसंबें में समय को यादगार बना दिया है । इसका ब्रांड अतिरिक्त तीक्ष्णता प्रदान करता है, जो व्यावसायिक रूप से आपको ऊँचाइयों तक पहुँचा सकता है ।”
- शर्मिष्ठा मुखर्जी, एवीपी, बार्कलेस एवं पीजीपीपीएम 2014 की कक्षा
“भविष्य में बीस वर्ष, जब मैं अपनी व्यवसायिक यात्रा के बारे में सोचता हूँ, तो मुझे पता है कि भाप्रसंबें मेरे विकास में मुख्य योगदानकर्ता होगा । तकनीकी पृष्ठभूमि से आने और परामर्श क्षेत्र में काम करने के पश्चात्, मैंने भारत-केंद्रित संकेंद्रण के साथ, इसके डेटा-चालित दृष्टिकोण एवं नीति निर्माण पर अंतः विषयक अभिकल्पना के लिए भाप्रसंबें में पीजीपीपीएम करने का निर्णय लिया था । कार्यक्रम छात्रों को सार्वजनिक नीति और संबद्ध क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने हेतु आवश्यक अनुभव एवं विशेषज्ञता के साथ सशक्त बनाता है । भाप्रसंबें के संकाय ने मुझे कल के बृहत मिशन के साथ, आज की नीतिगत चुनौतियों के संभावित समाधानों को समझने में मदद की । विविध पृष्ठभूमि के छात्रों के साथ, मुझे अपने सहयोगियों के अनुभव से अधिगम का अनूठा अवसर प्राप्त हुआ ।”
- अरूपज्योति त्रिपाठी, सरकारी सुधार एवं अवसंरचना विकास, पीडब्लूसी इंडिया, एवं पीजीपीपीएम, 2015 की कक्षा
“भाप्रसं बेंगलूर में लोक नीति एवं प्रबंध कार्यक्रम में अवधारणाओं का सही मिश्रण है । कार्यक्रम को एक नवीकृत तरीके से अभिकल्पित किया गया है एवं इस प्रकार सौंपा जाता है, जिससे परिष्कृत प्रबंधकीय कौशल के साथ लोक नीति निर्माता समर्थ बनते हैं । यह कार्यक्रम सरकारी एवं गैर-सरकारी क्षेत्रों के व्यवसायियों को लाभान्वित करता है, जैसा कि सार्वजनिक नीतियों पर नवीन उपकरण एवं तकनीकें प्रदान करता है, जो समय की आवश्यकता है । भाप्रसंबें में पाठ्यक्रम एवं उल्लसित सीखने के परिवेश ने मुझे अपने प्रशासनिक कौशल को तीक्ष्ण करने में मदद की एवं मुझे नए परिप्रेक्ष्य प्रदान किए । मैं सरकारी क्षेत्र एवं कंपनी जगत में कार्यरत् सभी लोगों को कार्यक्रम की सिफारिश करता हूँ ।”
- श्री हरि रंजन राव, भाप्रसे, पीजीपीपीएम, 2005 की कक्षा
मुख्यमंत्री के सचिव एवं सचिव,
सूचना प्रौद्योगिकी और लोक सेवा प्रबंध विभाग, मध्य प्रदेश सरकार
प्रबंध निदेशक, एम.पी. स्टेट इलैक्ट्रॉनिक्स डेवलप्मेंट कॉर्पोरेशन,
मुकाअ, मध्य प्रदेश एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी